
आज हम इस वेबसाईट पर Maharashtra board Lokbharti Hindi Class 10 Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति स्वाध्याय (Imandari ki pratimurti swadhyay) के बारे में चर्चा करने जा रहे है। इस वेबसाइट पर आपको Lokbharti Hindi कि इकाई दुसरी का Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति के प्रश्नोत्तर मिल जायेंगे तथा इस पाठ 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति (Imandari ki pratimurti) का भावार्थ , स्वाध्याय, पद्य विश्लेषण, सरल अर्थ और व्याकरण संबधित सभी प्रश्नो के हल Pdf स्वरुप में मिल जायेंगे। आप इन सभी स्वाध्याय प्रश्नोत्तर को डाउनलोड कर सकते है। यदि आप कक्षा 10 वीं लोकभारती हिंदी Digest की तलाश में हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। हमारे विशेषज्ञ शिक्षकों टीम ने इस पाठ का अध्ययन किया है और उन छात्रों के लिए नोट्स तैयार किए हैं जो इस पाठ को सारांशित करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि आप हमारी Pdf फाइलों का उपयोग करके अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं। आपको बता दें कि इस विषय से जुड़े सभी सवालों के जवाब हमारी विशेषज्ञ शिक्षकों की टीम ने दिए हैं। यहां आपको तीन Pdf फाइलें मिलेंगी, जिनमें से पहली Pdf फाइल में टेक्स्ट बुक के सवालों के जवाब होंगे और दूसरी Pdf फाइल में आपको अभ्यास के लिए अतिरिक्त प्रश्न मिलेंगे। तीसरी और अंतिम Pdf फाइलों में आपको इस अध्याय का पूरा अध्ययन मिलेगा।
आपको मार्गदर्शिका/गाइड के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारे Pdf स्वाध्याय का उपयोग करने के बाद आपको उनकी आवश्यकता नहीं होगी। इस पोस्ट के अंत में आपको सभी Pdf फाइलें मिल जाएंगी, इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप पूरा लेख पढ़ें।
Board | Class | Chapter |
Maharashtra state Board | 10th | Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति |
Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति स्वाध्याय के प्रश्नोत्तर:
Table of Contents
Class 10 Hindi Chapter 5 Imandari ki pratimurti questions answers
यहां आपको वह मिलेगा जिसका आप इंतजार कर रहे थे। शिक्षक, माता-पिता और छात्र, अब आप महाराष्ट्र राज्य बोर्ड द्वारा कक्षा 10वीं हिंदी लोकभारती Chapter 3 श्रम साधना स्वाध्याय की Pdf फाइल नीचे पा सकते हैं। नीचे आप पीडीएफ फाइल देख सकते हैं जिसे डाउनलोड किया जा सकता है लेकिन आगे बढ़ने से पहले, कृपया नीचे दिए गए हमारे दिशानिर्देशों का पालन करें।
पीडीएफ फाइल कैसे डाउनलोड करें?
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Chapter-5-ईमानदारी-की-प्रतिमूर्तिअगर आप नीचे दी गई पीडीएफ फाइल को डाउनलोड करना चाहते हैं तो “Download Now” बटन पर क्लिक करें। बटन क्लिक करने के बाद 15 सेकंड तक प्रतीक्षा करें। उसके बाद आपको प्रश्न पत्र की Pdf File डाउनलोड करने को मिल जाएगी।
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Chapter 5 Imandari ki pratimurti questions answers in pdf
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Summary of Chapter 5 Imandari ki pratimurti in Hindi
विषय-प्रवेश:
लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री थे। वे एक सामान्य परिवार में जन्मे ‘सादा जीवन उच्च विचार’ के सिद्धांत | को मानने वाले व्यक्ति थे। वे अपनी ईमानदारी, सादगी, सरलता आदि के लिए प्रसिद्ध थे। प्रस्तुत संस्मरण में उनके पुत्र सुनील शास्त्री ने शास्त्री जी और अपने बीच घटी कई प्रेरक एवं यादगार घटनाओं का बेबाक वर्णन किया है।
Class 10 Hindi Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति स्वाध्याय के Notes
Class 10 Hindi Chapter 5 Imandari ki pratimurti notes:

जब हम कक्षा 10 का हिंदी लोकभारती पाठ 5 "ईमानदारी की प्रतिमूर्ति" पढ़ रहे हैं, तो हम देख सकते हैं कि इस पाठ के बीच में कई प्रश्न पूछे जाते हैं और छात्रों से उनके उत्तर की अपेक्षा की जाती है। कुछ छात्रों को उत्तर देते समय कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन हम आपसे वादा करते हैं कि हमारे उत्तर की समीक्षा करने के बाद, आपको ऐसे प्रश्नों का उत्तर देने के लिए आत्मविश्वास मिलेगा। हमारे विशेषज्ञ टीम शिक्षक ने प्रश्न पत्र को कई भागों में विभाजित किया है, जिससे आपको पाठ को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। निम्नलिखित मुद्डो पर एक नज़र डालें:
- Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति (आकलन कृती)
- Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति (मुहावरा)
- Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति (अतिरिक्त प्रश्नोत्तरे)
- Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति (व्याकरण)
- Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति(शब्द संपदा)
- Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति (विरुद्धार्थी शब्द)
Class 10 Hindi Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति स्वाध्याय के Question Bank

Question bank for class 10 Hindi Chapter 5 Imandari ki pratimurti :
जो छात्र वार्षिक परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और बोर्ड में अधिक अंक प्राप्त करना चाहते हैं, वे हमारे प्रश्न बैंक का उपयोग कर सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रश्न आपकी अंतिम परीक्षा में निश्चित रूप से पूछे जा सकते हैं।
हमारी पीडीएफ फाइल के अंत में, आपको कक्षा 10वी का हिंदी लोकभारती पाठ 5 " ईमानदारी की प्रतिमूर्ति" मिलेगा। हमारी विशेषज्ञ टीम आपको अधिक अंक प्राप्त करने में मदद करने के लिए प्रश्न बैंक पर भरोसा करती है।
हमारे शिक्षकों की विशेषज्ञ टीम ने इन सवालों के बेहतरीन जवाब तैयार किए हैं। इन सभी सवालों के जवाब हमारी पीडीएफ फाइल में हैं जो नीचे दी गई है। आप इसे अपने खाली समय में अध्ययन करने के लिए डाउनलोड कर सकते हैं। कक्षा 10 वीं हिंदी लोकभारती पाठ 5 "ईमानदारी की प्रतिमूर्ति" स्वाध्याय पीडीएफ फाइल में आपको महत्वपूर्ण प्रश्न बैंक समाधान मिलेंगे।
हमें उम्मीद है कि यह प्रश्न बैंक आपकी परीक्षा की तैयारी में आपकी थोड़ी मदद करेगा।
Question bank
Additional Important Questions and Answers
गद्यांश क्र.1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) पिता के न रहने पर लेखक पर यह बीता –
(ii) लेखक के जन्म के समय उनके पिता यह थे –
(iii) लेखक सदा यह कल्पना किया करते थे –
(iv) लेखक के पिता प्रधानमंत्री हुए तो वहाँ। यह गाड़ी थी –
उत्तर:
(i) पिता के न रहने पर लेखक पर यह बीता – [उन्हें बैंक में नौकरी करनी पड़ी]
(ii) लेखक के जन्म के समय उनके पिता यह थे – [उत्तर प्रदेश के पुलिस मंत्री]
(iii) लेखक सदा यह कल्पना किया। करते थे – [उनके पास बड़ी आलीशान गाड़ी होनी चाहिए]
(iv) लेखक के पिता प्रधानमंत्री हुए तो। वहाँ यह गाड़ी थी – [इंपाला शेवरलेट]
प्रश्न 2.
ऐसे दो प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) सहाय साहब
(ii) अभाव।
उत्तर:
(i) लेखक के पिता के निजी सचिव का नाम क्या था?
(ii) लेखक ने अपने पिता के रहते जीवन में क्या नहीं देखा?
प्रश्न 3.
किसने, किससे कहा?
(i) मैं तो इसे चलाऊँगा नहीं। तुम्हीं चलाओ।’
(ii) ‘तुम बैठो, आराम करो, हम लोग वापस आते हैं अभी।’
उत्तर:
(i) मैं तो इसे चलाऊँगा नहीं। तुम्हीं चलाओ’
– लेखक के बड़े भाई अनिल भैया ने लेखक से कहा।
(ii) ‘तुम बैठो, आराम करो, हम लोग वापस आते हैं अभी’
– लेखक ने ड्राइवर से कहा।
प्रश्न 4.
उत्तर लिखिए:
(i) शान की सवारी याद आने का परिणाम – …………………..
(ii) बातचीत में समय बिताने का परिणाम – …………………..
उत्तर:
(i) (लेखक कल्पना किया करते थे कि, उनके पास बड़ी आलीशान गाड़ी होनी चाहिए। इस समय वे आलीशान गाड़ी इंपाला शेवरलेट में शान से सवारी कर रहे थे।) वह पुरानी बात याद आने पर उनके शरीर में झुरझुरी आने लगी।
(ii) (लेखक अपने परिचित व्यक्ति के यहाँ इंपाला शेवरलेट में सवार होकर भोजन करने गए थे। वहाँ बातचीत में उन्हें समय का ध्यान नहीं आया) उन्हें देर हो गई।
प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए:
(i) लेखक हमेशा कल्पना किया करते थे –
(ii) लेखक को इस बात का गर्व था –
(iii) लेखक ने संतरी को सैलूट मारने से रोका –
(iv) लेखक घर में यहाँ से घुसे –
उत्तर:
(i) बड़ी आलीशान गाड़ी की।
(ii) प्रधानमंत्री का लड़का होने का।
(iii) ताकि आवाज न हो और लेखक के पिता को उनके लौटने का। अंदाज न हो।
(iv) पीछे किचन के दरवाजे से।
प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) लेखक के पिता पहले इस राज्य के गृहमंत्री थे – [ ]
(ii) पहले गृहमंत्री को यह कहा जाता था – [ ]
उत्तर:
(i) लेखक के पिता पहले इस राज्य के गृहमंत्री थे – [उत्तर प्रदेश]
(ii) पहले गृहमंत्री को यह कहा जाता था – [पुलिस मंत्री]
कृति 3: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) पुलिस
(ii) बदन
(iii) संतरी
(iv) पानी।
उत्तर:
(i) पुलिस – स्त्रीलिंग
(iii) संतरी – पुल्लिग
(ii) बदन – पुल्लिग
(iv) पानी – पुल्लिंग।
प्रश्न 2.
गद्यांश में आए अंग्रेजी शब्द खोजकर लिखिए।
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
(iii) ……………………..
(iv) ……………………..
उत्तर:
(i) आर्डर
(ii) रेजिडेंस
(iii) गेट
(iv) सैलूट।
प्रश्न 3.
गद्यांश से ऐसे दो शब्द ढूँढ़कर लिखिए, जिनका वचन परिवर्तन से रूप नहीं बदलता।
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
उत्तर:
(i) घर
(ii) समय
कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
‘बच्चों की कल्पनाएँ और माता-पिता का डर’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
बचपन में बच्चों को हर चीज के बारे में उत्सुकता होती है। उनके मन में तरह-तरह की कल्पनाएँ आती हैं। इन कल्पनाओं को साकार रूप देने की वे कोशिश भी करते हैं। पर वे दुनियादारी से अनभिज्ञ होते हैं। इसलिए कभी-कभी उनसे गलतियाँ हो जाया करती हैं। कुछ बच्चे डर के कारण इन गलतियों को अपने माता-पिता से छुपाने का प्रयास करते हैं। मगर ये गलतियाँ जब खुल जाती हैं, तब ये बच्चे लज्जित होते हैं। इस तरह की गलतियों को अपने माता-पिता को न बताकर बच्चे बड़ी भूल करते हैं। अपनी गलतियों को अपने मातापिता से बता देने वाले बच्चे फायदे में रहते हैं।
समझदार माता-पिता बच्चों की गलतियों पर डाँटने-फटकारने के बजाय उन्हें प्यार से समझाते हैं। वे उन्हें स्थिति से निपटने का मार्ग बताकर उनकी सहायता करते हैं। ऐसे बच्चे भविष्य में इस तरह की गलतियों करने से बचे रहते हैं। माता-पिता सदा बच्चों के हित के बारे में सोचते हैं। इसलिए बच्चों को अपने मन में उत्पन्न किसी तरह की कल्पना के बारे में अपने मातापिता को बताना चाहिए और उसके बारे में उनकी सलाह के अनुसार कार्य करना चाहिए। उन्हें उनसे डरना नहीं चाहिए।
परिणाम लिखिए:
(i) दरवाजे पर दुबारा दस्तक देने का –
उत्तर:
(i) दरवाजे पर दुबारा दस्तक देने का – झुंझलाना और जोर से बिगड़ने के मूड में बड़बड़ाना।
प्रश्न 3.
ऐसे दो प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) खाने पर
(ii) इंपाला का।
उत्तर:
(i) लेखक और उनके भाई कहाँ गए थे?
(ii) लेखक के पिताजी किसका बहुत कम उपयोग करते थे?
कृति 3: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए:
(i) गाड़ी
(ii) कमरे
(iii) दरवाजा
(iv) हम।
उत्तर:
(i) गाड़ी – गाड़ियाँ
(ii) कमरे – कमरा
(iii) दरवाजा – दरवाजे
(iv) हम – मैं।
गद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
परिणाम लिखिए:
(i) अलमारी और कमरा ठीक करने का –
उत्तर:
(i) अलमारी और कमरा ठीक करने का – फटे कुरतों के बारे में पूछताछ की गई।
प्रश्न 2.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) आपसे यह बात ……………………….. के तहत नहीं कर रहा। (सम्मान/अभिमान/शान)
(ii) मेरे बच्चे कहते हैं कि पापा आप हमें ……………………….. से भेजते हैं। (बाइक/रिक्शा/साइकिल)
(iii) दूसरे दिन मैं ……………………….. जाने के लिए तैयार हो रहा था कि बाबू जी ने मुझे बुलाया। (कार्यालय/बाजार/स्कूल)
(iv) वे छोटे हैं, उन्हें ……………………….. चीरकर नहीं बता सकता। (सीना/कलेजा/हृदय)
उत्तर:
(i) आपसे यह बात शान के तहत नहीं कर रहा।
(ii) मेरे बच्चे कहते हैं कि पापा आप हमें साइकिल से भेजते हैं।
(iii) दूसरे दिन मैं स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा था कि बाबू जी ने मुझे बुलाया।
(iv) वे छोटे हैं, उन्हें कलेजा चीरकर नहीं बता सकता।
प्रश्न 2.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
(i) इतना जो उनका कहना था कि हम ……………………
(ii) याद आते हैं बचपन के वे हसीन दिन, ……………………
उत्तर:
(i) इतना जो उनका कहना था कि हम – और अनिल भैया वहाँ एक नहीं सके।
(ii) याद आते हैं बचपन के वे हसीन दिन, – वे पल, जो मैंने बाबू जी के साथ बिताए।
कृति 3: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) रुलाई
(ii) शान
(iii) रिक्शा
(iv) नींव।
उत्तर:
(i) रुलाई – स्त्रीलिंग
(ii) शान – स्त्रीलिंग
(iii) रिक्शा – पुल्लिंग
(iv) नींव – स्त्रीलिंग
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए:
(i) बात
(ii) कोशिश
(iii) साइकिल
(iv) महीना।
उत्तर:
(i) बात – बातें
(ii) कोशिश – कोशिशें
(iii) साइकिल – साइकिलें
(iv) महीना – महीने।
कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
‘जीवन में अनुशासन की आवश्यकता’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
मनुष्य के जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व है। अनुशासन का पालन करने वाले व्यक्ति के कार्य सुचारु रूप से संपन्न होते हैं और अन्य लोग ऐसे व्यक्ति की प्रशंसा करते हैं और उससे प्रेरणा लेते हैं। अनुशासित व्यक्ति ही समाज को नई दिशा दे सकते हैं। रात और दिन का होना, सूर्य और चंद्रमा का अपने नियत समय पर उदय और अस्त होना, फसलों का उगना, बढ़ना और समय पर पकना आदि अनुशासन का ही नतीजा है।
अनुशासित व्यक्ति अपने सभी काम समय पर और ईमानदारी से करने में विश्वास रखता है। उसे इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होती। दूसरों से भी वह ऐसी ही अपेक्षा रखता है। प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है, कि वह अपने आप को अनुशासित रखे। इसके लिए अपने ऊपर अंकुश लगाना और अपने। आप को नियंत्रण में रखना अनुशासन में रहने का आरंभिक पाठ है। यह प्रक्रिया अपने आप को अनुशासित करने का उत्तम मार्ग है।
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