
Maharashtra board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं स्वाध्याय (Hum us dharti ki satanti hai swadhyay) के बारे में चर्चा करने जा रहे है।
“हम उस धरती की संतति हैं” लोकभारती द्वारा प्रकाशित महाराष्ट्र बोर्ड के लिए कक्षा 10 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक में अध्याय 6 का शीर्षक है। यह अध्याय संभवतः इस विचार पर केंद्रित है कि मनुष्य पृथ्वी की निरंतरता हैं और प्राकृतिक पर्यावरण को बनाए रखने और बनाए रखने की जिम्मेदारी है। अध्याय पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति के प्रति सम्मान और स्थिरता के महत्त्व जैसे विषयों को छू सकता है।
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Maharashtra state Board | 10th | Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं | Pdf File |
Chapter 4 Hum us dharti ki santati hai questions answers
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Summary of Chapter 6 Hum Us Dharti Ki Santati Hai
विषय-प्रवेश : कव्वाली एक लोकप्रिय काव्य विधा है। इसमें दो दल अपनी-अपनी तारीफों अथवा किसी विषय पर अपनी राय को रोचक और तार्किक ढंग से नोक-झोंक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। अच्छे कव्वाली गायकों को श्रोता रात-रात भर सुनते रहते हैं। हम उस घरती की संतति हैं’ कव्वाली के एक दल में लड़के हैं और दूसरे दल में लड़कियाँ हैं। लड़के देश के प्रसिद्ध महापुरुषों और शूरवीर योद्धाओं से अपना संबंध जोड़कर अपने आप को श्रेष्ठ साबित करते हैं, तो लड़कियाँ सीता, सावित्री तथा युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाली योद्धा नारियों से अपना संबंध जोड़कर अपने आप को श्रेष्ठ बताती हैं। पर बाद में दोनों दलों को अहसास होता है कि उन्हें इस झगड़े से कोई लाभ नहीं है। स्त्री-पुरुष दोनों भारतमाता के रथ के दो पहियों के समान हैं और देश के लिए दोनों आवश्यक हैं।
Chapter 6: Hum Us Dharti Ki Santati Hai Saral Arth
1. हम उस धरती ……………………………… धरती के लड़के हैं।
[कविता में लड़कों (पुरुष जाति) को लड़कियों (स्त्रियों) से बढ़-चढ़कर बताते हुए लड़के अपनी प्रशंसा करते हुए कहते हैं -]“हम उस परती पर रहने वाले लड़के हैं, जिनकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। यह वही घरती है, जहाँ ध्रुव जैसे महापुरुष का जन्म हुआ था और वे इसी मिट्टी में खेलते थे।
इसी मिट्टी में भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ था। सारी दुनिया को मालूम है कि वे अपनी धुन के कितने सच्चे थे।
यहीं पर भरत जैसे वीर और साहसी महापुरुष का जन्म हुआ था। वे इतने निडर थे कि शेरों के मुँह खुलवाकर उनके दाँत गिना करते थे। __जयमल और पत्ता जैसे वीर इसी मिट्टी में पैदा हुए थे, जो अपने जैसा वीर किसी को समझते ही नहीं थे।
लड़के लड़कियों को नीचा दिखाते हुए कहते हैं कि इन सभी कारणों से हम (लड़के) तुम लोगों (लड़कियों) से बढ़कर हैं। इसलिए तुम सब (लड़कियों) हमारा (पुरुषों का) सामना नहीं कर सकती हो। अतः हमारे सामने तुम सब अपना मुँह बंद रखो। कुछ बोलने की कोशिश मत करो।”
2. बातों का जनाब ……………………………… हम उस धरती की लड़की हैं।
(लड़कों को अपनी बड़ाई करते हुए सुनकर लड़कियाँ लड़कों को जवाब देती हैं-)
“आप जैसे लोगों को बात करने का ढंग तक मालूम नहीं है। आप अपनी प्रशंसा खुद न कीजिए और चुप रहिए। (सुनिए) हम उस धरती की लड़कियाँ हैं, जिस धरती का कुछ पूछना ही नहीं है। हम उस धरती, की लड़कियाँ हैं जिसकी मिट्टी में वीरांगना झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म हुआ था।
दुर्गावती और रजिया सुलताना जैसी मर्दानी वीरांगनाएँ जिस मिट्टी में पैदा हुई थीं, जिन्होंने लड़ाई के मैदान में अपना अद्भुत पराक्रम दिखाया था, हम उस धरती की लड़कियाँ हैं।
चाँद बीबी जैसी वीरांगना और जौहर की ज्वाला में हँसते-हँसते कूद जाने वाली महान नारी पद्मिनी का जन्म भी इसी मिट्टी में हुआ था।
यह सीता और सावित्री जैसी महान सन्नारियों की जन्म-स्थली है।
यदि आप (लड़के) अपने श्रेष्ठ होने की बड़ी-बड़ी बातें करेंगे, तो आप लोग हमारे ताने भी सहिए। याद रखिए, हम (लड़कियाँ) इन सन्नारियों की धरती की लड़कियाँ हैं।
3. यों आप खफा ……………………………… धरती की संतति हैं।
(लड़कियों का जवाब सुनकर लड़के समझदारी की बात करते हुए कहते हैं-)
(हमारी बातों पर) आप नाराज क्यों होती हैं? इसमें आपस में E झगड़े की कोई बात नहीं है।
इस बात में क्या रखा है कि हमसे आप लोग बढ़कर हैं अथवा आप लोगों से हम लोग बढ़कर हैं।
इस तरह की बातें हमें आपस में उलझाकर रख देंगी और इससे न हमें कोई फायदा होगा और न आपको ही। सच्ची बात तो यह है कि ध्रुव (पुरुष) और रजिया (स्त्री) दोनों ही इसी धरती भारत माँ की संतान हैं। हम लोग भारत माता के रथ के (स्त्री-पुरुष रूपी) दो पहिए हैं। हम सब इसी धरती की संतान हैं।
Notes for Chapter 6: Hum Us Dharti Ki Santati Hai

- कविता कवि और भूमि के बीच एक गहरे सम्बंध को व्यक्त करती है, कवि स्वयं को पृथ्वी की संतान के रूप में संदर्भित करता है।
- कविता प्रकृति और पर्यावरण के प्रति कवि के प्रेम और उसके संरक्षण के प्रति उसकी चिंता को दर्शाती है।
- कवि भूमि को शक्ति, प्रेरणा और आराम का स्रोत मानता है और इसे अपनी पहचान का एक अनिवार्य हिस्सा मानता है।
- कविता मानव और पर्यावरण के बीच अन्योन्याश्रय पर प्रकाश डालती है, इस बात पर जोर देती है कि स्वस्थ वातावरण दोनों के कल्याण के लिए महत्त्वपूर्ण है।
- कविता पृथ्वी और उसके संसाधनों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल देती है और मनुष्यों से प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने और इसके संतुलन का सम्मान करने का आह्वान करती है।
Question Bank for Chapter 6 Hum Us Dharti Ki Santati Hai:
Question bank
प्रश्न 2.
इन शब्दों के अर्थ वाले शब्द पद्यांश से ढूंढकर लिखिए:
(i) नाराज
(ii) झगड़ा
(iii) संतान
(iv) प्राप्त होना।
उत्तर:
(i) नाराज – खफा
(ii) झगड़ा – टंटा
(iii) संतान – संतति
(iv) प्राप्त होना – हासिल करना।
प्रश्न 3.
परिणाम लिखिए:
झगड़े करेंगे, तो ………………………
उत्तर:
झगड़े करेंगे, तो कुछ हासिल न होगा।
प्रश्न 4.
उपर्युक्त पद्यांश में उल्लेखित स्त्री-पुरुष समानता दर्शानेवाली पंक्तियाँ चुनकर लिखिए: (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
(i) …………………….
(ii) …………………….
उत्तर:
(i) बस बात पते की इतनी है, ध्रुव या रजिया भारत माँ के
(ii) भारत माता के रथ के है, हम दोनों ही, दो-दो पहिए, अजी दो पहिए, हाँ दो पहिए।
कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
‘झगड़े से कुछ हासिल नहीं होता’-अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
उत्तर:
किसी बात पर होने वाली कहा-सुनी या विवाद को आमतौर पर झगड़ा कहा जाता है। झगड़े से समस्या सुलझने के बजाय और उलझ जाती है। मुख्य मुद्दा धरा रह जाता है और झगड़ा प्रमुख हो जाता है। कभी-कभी तो झगड़े में लोगों की जान पर भी बन आती है। इसके परिणामस्वरूप लोगों में मारा-मारी और हत्या तक हो जाती है। पर समस्या वैसी की वैसी बनी रहती है, बल्कि उसमें और इजाफा हो जाता है।
झगड़े के परिणामस्वरूप पीढ़ी-पीढ़ी तक दुश्मनी बनी रहती है। इसलिए झगड़े को भूलकर आपस में बातचीत के माध्यम से ही किसी समस्या का हल निकालने की बात सोचनी चाहिए। अत: किसी समस्या का हल निकालने का सही मार्ग झगड़ा नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण माहौल में आपस में बातचीत कर समझौता करना है।
हम उस धरती की संतति हैं मुहावरे-अर्थ
- शेखी बघारना – स्वयं अपनी प्रशंसा करना।
- डींग मारना – बड़ी-बड़ी बातें करना।
- पते की बात कहना – रहस्य की बात बताना।
हम उस धरती की संतति हैं टिप्पणियाँ :
- ध्रुव : राजा उत्तानपाद और रानी सुनीति के पुत्र। महान विष्णु भक्त। विष्णु ने उन्हें आकाश में सप्तर्षि के पास अटल पद दिया था।
- प्रहलाद : हिरण्यकशिपु के पुत्र। महान विष्णुभक्त। इनकी रक्षा के लिए विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपु का वध किया था।
- भरत : दुष्यंत एवं शकुंतला के पुत्र। इनके नाम पर ही हमारे देश का नाम ‘भारत’ पड़ा।
- सावित्री : राजा अश्वपति की कन्या। सत्यवान की पत्नी। महान पतिव्रता स्त्री। इन्होंने यम से अपने पति के प्राण छुड़ाए थे।
- सीता : विदेहाधिपति जनक की कन्या। इन्हें वैदेही, जानकी आदि नामों से भी जाना जाता है। ये जमीन की जोताई करते समय मिली थी, इसलिए इनका सीता नाम पड़ा। श्रीराम की पत्नी।
- लक्ष्मीबाई : झाँसी की रानी। महान वीरांगना।
- चाँद बीबी : अहमदनगर राज परिवार की गुणी स्त्री। मुगलों ने निजामशाही की राजधानी अहमदनगर पर आक्रमण किया था, तो चाँद बीबी ने बड़ी बहादुरी से किले पर उनका सामना किया था। पर सरदारों के षड्यंत्र के कारण वह मारी गई।
- रजिया सुलताना : दिल्ली के सुलतान अल्तमश की बेटी। अल्तमश ने रजिया सुलताना को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया था। वह सेना का नेतृत्व स्वयं करती थी।
- जयमल-पत्ता : जयमल और पत्ता दोनों महान शूरवीर योद्धा थे। उन्होंने चित्तौड़ पर अकबर द्वारा किए गए हमले का बहादुरी पूर्वक सामना किया था।
- दुर्गावती : भारत की वीरांगना। उनका जन्म प्रसिद्ध चंदेल राजा कीरत राय के परिवार में हुआ था। वे गोंडवाना राज्य की रानी थीं।
- पद्मावती : चित्तौड़ के राजा रतनसिंह की पत्नी। अपनी सुंदरता के लिए विख्यात। दिल्ली के सुलतान अलाउद्दीन खिलजी ने उनकी सुंदरता के बारे में सुनकर चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया था। राजपूत बहादुरों ने मरते दम तक उसका सामना किया। अंत में वीरांगना पद्मावती ने अन्य राजपूत स्त्रियों के साथ किल्ले में जौहर कर लिया था।
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